बॉलीवुड की कलाकार संजय त्रिपाठी की जीवनी उनके जुबानी



समय आपको कहां लेकर जायेगा आपसे क्या कराएगा कुछ पता नहीं होता..बाराबंकी उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय त्रिपाठी के साथ यही हुआ... लखनऊ विश्विद्यालय में दर्शनशास्त्र से एम.ए. करने के बाद पिता जी ने सिविल सेवा की तैयारी के लिया प्रयागराज भेज दिया...यहां इनके अंदर के कलाकार को बाहर आने का मौका मिला.. यहां एक दिन सुबह का अखबार पढ़ते वक्त इनकी नजर पड़ी एक शुरू होने वाले नाटक की खबर पे जो उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में शुरू होने जा रहा था...अगले दिन ये पहुंच गए वहां और इनकी मुलाकात हुई राष्टीय नाट्य विद्यालय के वागेश कुमार सिंह जी से..साक्षात्कार के दौरान संजय जी ने उनको साफ बता दिया की उन्होंने कभी न तो कोई नाटक किया है न ही देखा है बल्कि वो तो नाटक का स्टेज भी पहली बार देख रहे हैं... हां जो नाटक पढ़ाई के दौरान उन्होंने पढ़े थे वो बता दिया फिर भी वागेश कुमार ने इन्हे नाटक में एक रोल दे दिया...एक महीने की वर्कशॉप के बाद नाटक हुआ, संजय के काम की बहुत सराहना हुई...फिर ये संपर्क में आए प्रयागराज के नाटककार अनिल रंजन भौमिक,शैलेष श्रीवास्तव, सुषमा जी और श्री परिमल दत्ता जी के और शुरू हुआ एक के बाद एक नाटक करने का सिलसिला... एन.एस.डी. की प्रारंभिक परीक्षा और साक्षात्कार दिया लेकिन अंतिम चयन नही हो सका और राह पकड़ की मुंबई की..
2004 को पृथ्वी थिएटर में सत्यदेव दुबे जी से जुड़ गया उनसे अभिनय की और बारिकिया सीखने को मिली साथ ही बेहतरीन निर्देशक लोगो के साथ काम करने का अनुभव मिला...पृथ्वी थिएटर से ही एक शॉर्ट फिल्म मिली "ब्लड ब्रदर्स" जिसे विशाल भारद्वाज जी ने निर्देशित की...रोल बहुत ही छोटा सा था एक नसेड़ी गरदुल्ले का लेकिन फिल्म अंतरराष्टीय दर्जे की थी और पंकज कपूर,सोहा अली खान और सिद्धार्थ जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम करने का मौका....इस फिल्म के बाद काम मिलना शुरू हो गया...
फिर निशिकांत कामत के साथ "मुंबई मेरी जान" की

तिग्मांशु धूलिया के साथ "शागिर्द" और "राग देश", एफ.टी.आई.आई. के संजीवन लाल के साथ फिल्म "बबलगम" की,अभिषेक चौबे के साथ "इश्किया",रंजन शांडिल्य के साथ "म्योहो", अमोल गुप्ते के साथ "हवा हवाई" की, अनुराग कश्यप के साथ वेबसिरीस "सिक्रेट गेम्स" किया, 2014 मे की फिल्म "नानक शाह फकीर" को 63वे राष्टीय फिल्म पुरस्कार के तहत तीन पुरस्कार मिले...जेनिफर लेंच के साथ "हिस्स" की, इंडो ब्रिटिश फिल्म "बोंबेरिया" की जिसकी निर्देशक थी पिया सुकन्या...संजय ने बताया सबसे अलग अनुभव उनका निर्देशक मजीद मजीदी के साथ फिल्म "बेयाउंड द क्लाउड" की शूटिंग का रहा....इनकी आने वाली फिल्म्स है... "गणपत पार्ट 1" "दुकान" और "के.डी."

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