श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की निकली झांकी, झूमे श्रद्धालुअभिषेक यादव संवाददाता जनधमाका टाइम्स महराजगंज !


 तहसील बदलापुर क्षेत्र के कुसहां द्वितीय गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग की कथा हुई। विवाह की झांकी निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ निकली बारात को देखकर श्रद्धालु झूम उठे।

कथा का वाचन कर रही बालविदुषी दीक्षा हरिप्रिया शुक्ला ने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। कथा में श्रीकृष्ण के मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, काल यवन का वध, उद्धव-गोपी संवाद, उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाने के साथ ही श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह प्रसंग का भावपूर्ण पाठ हुआ। कथा व्यास ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया था। महारास लीला से ही जीवात्मा और परमात्मा का मिलन हुआ। रुक्मिणी द्वारा श्रीकृष्ण को वरमाला पहनाए जाने पर जमकर फूलों की बरसात हुई। बालविदुषी दीक्षा हरिप्रिया शुक्ला ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन के सार तत्व को बताने वाली कथा है। इसका श्रवण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। देर रात तक लोग कथा की भक्ति गंगा में गोता लगाते रहे। इस मौके पर  ओम प्रकाश दुबे, श्यामसुन्दर दुबे, राधेश्याम दुबे, त्रिलोकीनाथ दुबे, भोलेनाथ दुबे सहित अन्य लोग मौजुद रहे।

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