पौरोहित्य कार्य एक दैवीय कार्य है" - श्री महेन्द्र पाठक जी



उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् लखनऊ के निदेशक श्री विनय श्रीवास्तव आई.ए.एस व श्री जितेन्द्र कुमार आई.ए.एस. अपर मुख्य सचिव भाषा विभाग के कुशल निर्देशन में सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में 30 केन्द्रों पर पौरोहित्य प्रशिक्षण का उद्घाटन किया गया। केन्द्रों में लगभग 1000 छात्र पौरोहित्य प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
इसी क्रम में जौनपुर जनपद के डॉ. तारुणीकान्त शिक्षा निकेतन, खुटहन केन्द्र पर प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति चतुर्वेदी, पं. सूबेदार उपाध्याय पूर्व प्रधानाध्यापक, प्रबंधक श्री देवेश उपाध्याय की अध्यक्षता में पौरोहित्य प्रशिक्षक आचार्य डॉ. अखिलेश चन्द्र पाठक के द्वारा त्रैमासिक पौरोहित्य प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ किया गया। 
उसी क्रम में संस्थान के मुख्य मार्गदर्शक श्री महेन्द्र पाठक ने इस सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि- पौरोहित्य कार्य एक दैवीय कार्य है। अतः सभी प्रशिक्षकों को श्रद्धा और निष्ठा के साथ इस सत्र के समापन में सहयोग करना चाहिए। संस्थान के पदाधिकारी श्री जगदानंद झा ने भी प्रशिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि - पौरोहित्य के साथ-साथ छात्रों को ज्योतिष विद्या एवं संस्कृत की शिक्षा भी दी जानी चाहिए। संस्थान के प्रशिक्षण समन्वयक श्री दिव्यरंजन ने कहा कि - "पुरोहित साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि होते हैं।" इस अवसर पर शिवम गुप्ता ने सभी कार्यालयीय व्यवस्था की दृष्टि से प्रशिक्षकों को निर्देश दिया। इस अवसर पर संस्थान के पदाधिकारी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री दिनेश मिश्र, डॉ. चन्द्रकला शाक्या प्रशिक्षण समन्वयक श्री धीरज मैठानी, समन्वयिका राधा शर्मा, अनिल गौतम, पूनम कंप्यूटर ऑपरेटर शांतनु मिश्र सहित सभी 30 केन्द्रों के केंद्राध्यक्ष संचालक प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षणार्थीगण लक्ष्मीकांत मिश्र, अमित त्रिपाठी, शिवकांत मिश्र, विश्वकांत मिश्र तथा प्रवीण उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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