शिक्षा प्रेरकों का 32 महीने का मानदेय डकार गई सरकार- राज यादव

आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन जनपद जौनपुर के जिला उपाध्यक्ष राज यादव ने आज विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी की उत्तर प्रदेश लगभग के प्रत्येक गांव के प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर एक महिला और एक पुरुष शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा की गई थी जो गाँव मे 14 से 35 वर्ष के अशिक्षित लोंगो को शिक्षित करने, बी.एल.ओ. कार्य  सहित तमाम कार्यों को बड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ करते थे जिनको प्रतिमाह दो हजार रुपया मानदेय भी दिया जाता था लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो 31 मार्च 2018 में प्रदेश के सभी शिक्षा प्रेरकों की  संविदा एक साथ समाप्त कर दी गई जिसके वजह से जनपद जौनपुर के 3028 और प्रदेश के लगभग सवा लाख प्रेरक एक साथ बेरोजगार हो गए और भुखमरी के कगार पर पहुंच गए जिसके बिरोध में तमाम धरना प्रदर्शन, आमरण अनशन, भूख हड़ताल आंदोलन के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया लेकिन सरकार के कान में जूं तक ना रेंगी और ना ही इनका मानदेय दिया गया और ना ही इन प्रेरको की संविदा बढ़ाई गई।
इतना ही नही आपको बताते चले कि इन गरीब शिक्षा प्रेरको का लगभग 32 महीने का मानदेय भी सरकार डकार गई और जब अपने मानदेय के लिए जब जब प्रेरको ने आंदोलन करने का प्रयास किया इन पर बर्बरता पूर्वक लखनऊ में लाठियां भी बरसाया गई सरकार की इस प्रकार की नीतियों का मैं बिरोध करता हूँ  प्रेरको पर लाठियां बरसाना सरकार की कायरता का प्रमाण था।
अब मैं पुनः एक बार केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मांग करता हूं कि कम से कम इन गरीब शिक्षा प्रेरकों का मानदेय ही भुगतान कर उन्हें उनका हक और अधिकार वापस किया जाय।

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